चमत्कारी चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन | Chintamani Ganesh Mandir Ujjain History Ancient places in India
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर है, जिसकी स्थापना माता सीता ने की थी। इस मंदिर के गर्भ गृह में भगवान गणेश की ३ प्रतिमाए स्थापित है। पहला चिंतामन, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक। इस मंदिर की दिवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाने से हर मनोकामनाए पूरी होती है।
चमत्कारी चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन | Chintamani Ganesh Mandir Ujjain History Ancient places in India
जीवन में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत प्रथम पूज्य आद्य गणेश से की जाती है। वैसे तो भगवान गणेश कई रूपों में विश्वभर में विराजमान है लेकिन आज हम आपको जो कहानी सुनाने जा रहे वह है विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर से 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित भक्तों की चिंताओं का हरण करने वाले चिंतामन गणेश मंदिर की। यहां माना जाता है कि पार्वतीनंदन के दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
पूरे भारत में चिंतामन गणेश के सिर्फ चार मंदिर ही स्थित है उनमें से एक है उज्जैन का यह मंदिर। इस मंदिर की कहानी सुनाने से पहले हम आपको इसकी महत्ता बताते चलते हैं। इस मंदिर के गर्भगृह में श्री गणेश तीन रूपों में विराजित है पहला चिंतामन, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक रूप में।
चिंतामन गणेश जी की कहानी जुड़ी है त्रेता युग। पौराणिक कथा के अनुसार वनवास के दौरान एक बार माता सीता को बहुत प्यास लग रही थी जब इस बात का पता श्री राम को चला तो उन्होंने लक्ष्मण जी को पानी लाने के लिए कहा, लेकिन पहली बार श्री लक्ष्मण ने अपने बड़े भाई की बात को मानने से मना कर दिया। यह देख श्री राम ने अपनी दिव्य दृष्टि से पता लगाया कि इस क्षेत्र की हवाएं नकारात्मक है और उन्होंने इसका निराकरण करने के लिए माता सीता द्वारा यहाँ चिंतामन गणेश की स्थापना करवाई। यह मूर्ति माता सीता द्वारा स्थापित षटृ विनायको में से एक है जहां पर परमार काल के दौरान मंदिर का निर्माण करवाया गया।
पौराणिक महत्व के अलावा इस मंदिर की कहानी इतिहास से जुड़ी है। अहिल्याबाई होल्कर के शासनकाल में इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवा कर इसे और अधिक सुशोभित करवा दिया गया। माना जाता है यह मंदिर 11वीं और 12वीं शताब्दी का है।
इस मंदिर की शालीनता और भगवान श्री गणेश के चमत्कारी रूप को देख हर कोई मनमोहित रह जाता है। अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए श्रद्धालु मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं। और पूर्ण हो जाने पर सीधा स्वास्तिक बनाकर जाते हैं।
आपकी भी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो और भगवान गणेश का आशीर्वाद सब पर बना रहे।
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